संगठित अपराध एवं आतंकवाद में संबंध
संगठित अपराध व आतंकवाद में मूल अंतर यह होता है कि जहां संगठित अपराध किसी विचारधारा विशेष से नहीं जुड़े होते, बल्कि हिंसक और भय के माध्यम से लाभ कमाना इनका उद्देश होता है । तो वही आतंकवाद किसी विशेष विचारधारा से अवश्य जुड़ा होता है ।
जहां आतंकवाद की प्रकृति हिंसक होती है। वहीं संगठित अपराध समानता गैर हिंसक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करता है, आतंकवादी समूह राजनीति से प्रेरित होते हैं तथा भय व डर की रणनीति के द्वारा सत्ता परिवर्तन का लक्ष्य रखते हैं, जबकि संगठित अपराध में लिप्त समूह समानांतर सरकार की भांति अवैध आर्थिक उद्देश्य हेतु कार्य करते हैं।
आतंकवाद व संगठित अपराध के लिए एक विशेष आधारभूत ढांचे की आवश्यकता होती है। विशेष प्रकार की सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक दशा इन्हें अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। यह उन कमजोर राष्ट्रों में पनपते हैं जहां प्रशासनिक अक्षमता या लापरवाही, निष्प्रभावी शासन, सीमा पर कमजोर नियंत्रण तथा प्रवर्तन एजेंसियों की उपस्थिति कमजोर है । इन दोनों की उपस्थिति किसी भी राष्ट्र की शासन व्यवस्था के लिए खतरा बन जाती है ।
अपने लाभों एवं लक्ष्यों की आवश्यकता अनुसार यह दोनों एक-दूसरे के साथ तीन आयामों के द्वारा गठजोड़ कर सकते:-
- सहयोग
- सह अस्तित्व
- समायोजन का एकीकरण
सहयोग द्वारा यह जोखिमों को बेहतर आकलन कर सुरक्षित रखते हैं । विशेष परिस्थितियों में माल-प्रेषण या सुरक्षा प्रदान करने जैसे कार्य सहयोग का आधार होते हैं ।
आधारभूत ढांचागत सुविधाएं, अनुकूल सामाजिक गतिविधियां, संचलनात्मक पहुंच आमदनी का जरिया आदि आतंकवादी समूहों की आवश्यकताएं हैं, जबकि व्यापार के अवसर संगठित अपराध के लिए आवश्यक के हैं । ऐसी स्थितियों में दोनों का सहयोग ना होते हुए भी इनका प्रभाव खतरा उत्पन्न करता है यही सह-अस्तित्व है ।
संगठित अपराध नेटवर्क व्यापारिक हितों की सुरक्षा के लिए आतंकी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, तथा आतंकी समूह अपने लक्ष्यों के लिए अवैध गतिविधियों के द्वारा धन प्राप्ति हेतु अपराधिक संगठन बन जाते हैं, यह ' समायोजन या एकीकरण कहलाता ' है । इस के संबंधित कुछ उदाहरण है जैसे पाकिस्तान में छुपकर भारत के खिलाफ अपराधियों को चलाने वाली ( डी कंपनी )दाऊद इब्राहिम का संगठन अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठनों के साथ संबंध स्थापित किए हैं।
दक्षिणी थाईलैंड में सक्रिय आपराधिक संगठन के जरिए श्रीलंका और इंडोनेशिया के संकटग्रस्त क्षेत्रों में छोटे हथियारों की तस्करी होती है। कुछ समय पूर्व अफगानिस्तान में से बाल्कन के जरिए हेरोइंन को यूरोप पहुंचाने के लिए अलकायदा के आतंकवादी ने बोस्निया के अपराधिक संगठनों के साथ संबंध बनाए थे।
भारत में नक्सली हमलों की बढ़ती प्रवृत्ति या दिखाती है कि नक्सली आतंकी तौर-तरीकों पर चल रहे हैं। आतंकवादी मादक पदार्थों की तस्करी में सर्वाधिक सक्रिय दिखते हैं, तथा अन्य समाज विरोधी गतिविधियों में भी लिप्त पाए गए हैं।